स्वर्गए मैं यहाँ कैसे पहुँचारू क्रूस पर चोर की कहानी – चर्चा मार्गदर्शिका

कॉलिन स्मिथ

चोर की कहानी यीशु मसीह के अनुग्रह को शक्तिशाली तरीके से प्रदर्शित करती है। हम निम्नलिखित प्रश्नों के माध्यम से इस बात पर चर्चा करने का सुझाव देते हैं कि यह कहानी आज हमसे कैसे बात करती है।

इसके अतिरिक्तए आप निम्नलिखित में से एक या अधिक अंशों पर भी विचार कर सकते हैं:
● लूका 23:39-43 (चोर की कहानी)
● इफिसियों 2:8-9 (इस बारे में कि हम कर्मों से नहीं विश्वास के द्वारा अनुग्रह से कैसे बचाए जाते हैं)
● रोमियों 5:6-8 (मसीह के क्रूस द्वारा दर्शाए गए परमेश्वर के प्रेम के बारे में)

चर्चा प्रश्न:

1.  क्या आप चोर की कहानी से खुद को जोड़ पाते हैं? यदि हाँ तो कैसे?
2. यदि आप यीशु के बगल में क्रूस पर होते तो क्या आपको लगता है कि आपने उस चोर की तरह प्रतिक्रिया की होती जिसने यीशु से उसे याद रखने के लिए कहा था या उस दूसरे चोर की तरह जिसने यीशु का ठट्ठा उड़ाया था क्यों?
3. आप किस ओर अधिक झुकाव महसूस करते हैं: उस निराशा की ओर कि आप इतने बुरे हैं कि आपका उद्धार नहीं हो सकता या इस विश्वास की ओर कि आपके अपने कार्य आपको उद्धार दिला सकते हैं?
4. 1 से 10 के पैमाने पर आपके हिसाब से यीशु ने चोर से कितना प्रेम किया क्यों? आपके हिसाब से यीशु आपसे कितना प्रेम करते हैं क्यों?
5. आज आपको यीशु की ओर मुड़ने और उनसे यह कहने में क्या रुकावट आ सकती है कि वे आपको याद रखें?

मैं स्वर्ग के बारे में कैसे सुनिश्चित हो सकता हूँ